मंगलवार, 31 जनवरी 2017



ये हैं छत्तीसगढ़ की जानी सिंगर कमला राठौर जी। 1977 से 1988 इन ग्यारह वर्षों में मुझे रायपुर शहर में काफी नजदीक से आर्केस्ट्रा जगत को देखने का मौका मिला था। उस दौर में पूरे छत्तीसगढ़ में राजनांदगांव के आर्केस्ट्रा राज भारती और रायपुर की रायपुर संगीत समिति का जबरदस्त बोलबाला था। रायपुर संगीत समिति में कमला राठौर जी की तूती बोलती थी। न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि ओड़िशा व महाराष्ट्र तक में कमला जी के कद्रदान थे। वह लता जी का गाना "ऐ मालिक तेरे बंदे हम..." अपनी मधुर आवाज़ में गातीं थीं, वहीं उषा उत्थुप जी का गाना "तू मुझे जान से भी प्यारा है..." वेस्टर्न अंदाज में गाकर जवां दिलों में खलबली मचा देती थीं। उस कालखंड में गणेश व दुर्गा उत्सव में होने वाले कार्यक्रमों में कमला जी जैसे कलाकारों को सुनने हजारों की भीड़ जुटा करती थी। वक्त ने करवट ली। आर्केस्ट्रा का दौर पीछे होते चला गया। कमला जी शादी होकर गोंदिया (महाराष्ट्र) गईं। वहां से मानो कठिन परीक्षा की शुरुआत हो गई। पति का साथ ज्यादा समय का रहा नहीं।एक बेटा था राकेश जिसके दो बच्चे हुए तुलसी और हुमाण। तूलसी पांच की है और हुमाण साढ़े तीन साल का। राकेश की पत्नी दोनों बच्चों को छोड़कर चली गई। परिवार के बिखरने के ग़म में तीन महीने पहले राकेश चल बसा।अब दोनों मासूम बच्चों के भरण पोषण का जिम्मा इस 65 साल की उम्र में कमला जी पर है। हाल ही में कमला जी दोनों बच्चों को लेकर गोंदिया से रायपुर एक कार्यक्रम में गाने आई हुई थीं। उनकी आंखों के सारे आंसू मानो सुख चुके। कार्यक्रम में स्टेज के पीछे उनकी कहानी सुनकर कुछ लोगों की आंखें नम हो गईं। कमला जी अपनी कठिन संघर्ष भरी दास्तान सुना ही रहीं थीं कि मंच पर से उनके नाम की पूकार हुई। फिर 65 की इस मर्दानी ने जब फिल्म 'नाकाबंदी' का उषा उत्थुप जी का गाना "आर यू रेडी नाकाबंदी..." प्रस्तुत किया तो सैकड़ों की संख्या में वहां मौजूद दर्शकगण उन्हें एकटक देखते रह गए। समय किसी पर मेहरबान रहता है तो किसी के साथ निर्ममता से पेश आता है। कमला जी को उम्र के इस पड़ाव में न जाने और कितना इम्तहान देना बाकी है....

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